अनुभव गुप्ता, नई दिल्ली।
पिछले साल असमय हुई बारिश और ओलावृष्टि से काफी संख्या में किसानों के खेतों की फसलें बर्बाद हो गई थी। लेकिन एक साल बाद भी दिल्ली सरकार के द्वारा किसानों को मुआवजा नही दिया गया है। इसी को लेकर नजफ़गढ़ से आगे जाफरपुर कला के एक धर्मशाला में किसानों ने पंचायत बुलाया। जिसमें दूरदराज से अलग-अलग किसानों के प्रतिनिधि मंडल भी पहुंचे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जो घोषणा की थी, किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए उसको लेकर चर्चा की। जल्द ही इसको लेकर सरकार तक अपना विरोध जताने के लिए कारगर कदम उठाया जाएगा।
इस पँचायत में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष बीरेंद्र डागर और महासचिव दलजीत सिंह ने कहा की जब दिल्ली सरकार ने बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि से खेती को हुए नुक़सान को देखते हुए मुआवजे की घोषणा की थी, तो अब तक क्यों नही की गई।
इतना ही नही अधिकारियों और मंत्रीयों से कहने के बाद भी DAP और यूरिया पर भी निजी दुकानदारो के द्वारा किसानो से मनमर्ज़ी के दाम वसूले गये। सरकार से माँग है, की सरकारी खाद और बीज की दुकान अलग से खोली जाए।
एक तरफ तो दिल्ली सरकार फ़्री बिजली की घोषणा करती है, लेकिन दिल्ली के किसानों से ट्यूबवैलो का मनमाना बिल वसूल रही है। जिससे किसानों को खेती की लागत काफ़ी ज़्यादा हो जाती है। इसलिए किसानों के हित को देखते हुए ट्यूबवैल बिल को भी माफ़ किया जाय।
जो ज़मीने भूमिहीन किसानों को दी थी, उन्हें उसका मालिकाना हक़ दिया जाए। किसानों की इन समस्याओं पर पंचायत में चर्चा हुई। जल्द इसको लेकर बड़ा निर्णय लिया जाएगा।