दुबई रिटर्न बन गया था पुलिस के लिए सरदर्द
तीसरी आंख ने पहुंचा दिया सलाखों के पीछे
कुमार अभिषेक
पहले पिता के साथ करता था फैक्ट्री में काम, लेकिन जब संगत गलत होने लगा तो उसे काम करने के लिए पिता ने भेज दिया दुबई। वहां भी लगभग साल भर रहा, लेकिन वहां से फिर वापस आ गया दिल्ली। यहां आकर बुरी संगत में पड़कर पश्चिमी दिल्ली के पॉश इलाके विकासपुरी में करने लगा स्नैचिंग की ताबड़तोड़ वारदात। अपने साथी के साथ मिलकर एक-दो नहीं बल्कि विकासपुरी इलाके में नो वारदात को अंजाम देकर पुलिस की नींद उड़ा दी।
डीसीपी वेस्ट घनश्याम बंसल ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान सिमरजीत और नीरज गुप्ता के रूप में हुई है। यह दोनों विष्णु गार्डन और ख्याला के रहने वाले हैं। इनके पास से वारदात में इस्तेमाल की जाने वाली स्कूटी, मोबाइल और बटनदार चाकू आदि बरामद किया गया है। इनकी गिरफ्तारी से कई मामलों का खुलासा किया गया है, जो इन्होंने विकासपुरी और ख्याला थाना इलाके में अंजाम दिया था।
पुलिस के अनुसार विकासपुरी इलाके में कुछ दिनों से लगातार स्नैचिंग की वारदात हो रही थी। एसएचओ विकासपुरी राजवीर सिंह, हेड कांस्टेबल संदीप, महिपाल नाहर सिंह और कांस्टेबल सतपाल की टीम ने वारदात वाली जगहों से सीसीटीवी फुटेज निकाला। टेक्निकल सर्विलांस से चेक किया तो पता चला की वारदात को अंजाम देने वाले दोनों बदमाश ख्याला इलाके के रहने वाले हैं। पुलिस टीम ने इसकी सूचना तुरंत ला पुलिस को दी।
ख्याला थाना के एसएचओ गुरसेवक सिंह, इंस्पेक्टर सुरेश चंद और हेड कांस्टेबल से सत्यवान की टीम ने फिर उस इंफॉर्मेशन के आधार पर छापा मारकर इन दोनों को दबोचा। इनसे पूछताछ की गई, तलाशी में मोबाइल, चाकू और वह स्कूटी बरामद की गई जिससे यह लोग वारदात को अंजाम दे रहे थे। पता चला कि बरामद स्कूटी नीरज के पिता के नाम पर है। उन्होंने बताया कि वह किस तरीके से मिलकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
सिमरनजीत ग्राफिक डिजाइनर का कोर्स करने के बाद अपने पिता के साथ कटिंग का काम मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री में करने लगा था। लेकिन इसी दौरान उसका संगत खराब हो गया वह नशे का आदी होने लगा तो उसके पिता ने इसे दुबई भेज दिया। पिछले साल वह वापस जनवरी में दिल्ली आ गया और यहां फिर नीरज गुप्ता के साथ दोस्ती हो गई। फिर दोनों मिलकर स्नैचिंग की वारदात को अंजाम देने लगे।
ये लोग ज्यादातर विकासपुरी इलाके में ही जाकर वारदात को अंजाम दे रहे थे। नीरज गुप्ता भी पहले पिता के साथ रिमोट की फैक्ट्री में काम करता था। लेकिन बाद में यह दोनों मिलकर वारदात को अंजाम देने लगे।