नजफगढ़ की 39 अनाधिकृत कॉलोनियों में बिछेगा 34 किमी लंबा सीवर लाइन, 55 हजार लोगों को मिलेगी राहत
अनुभव गुप्ता, नई दिल्ली।
दिल्ली देहात के नजफगढ़ इलाके के आसपास स्थित अनधिकृत कालोनियों के हजारों लोगों को सीवर की समस्या से राहत मिलने वाला है। इसके लिए दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली में बेहतर सीवरेज प्रबंधन और यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए अनाधिकृत कालोनियों और गांवों को सीवर नेटवर्क से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जलबोर्ड को नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 39 अनाधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाने और लोगों के घरों में मुफ्त व्यक्तिगत हाउस सीवर कनेक्शन देने की योजना को स्वीकृति दे दी है।
41 करोड़ रूपये की लागत वाली इस परियोजना से नजफगढ़ के लगभग 55 हजार लोगों को इससे फायदा होगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को परियोजना को समय सीमा के अंदर उम्मीदों के अनुरूप बनाने और गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के भी निर्देश दिए हैं।
मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न इलाकों में सीवर लाइन बिछाने और यमुना की सफाई को लेकर चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। यमुना नदी को 2025 में पूरा साफ करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी कड़ी में नजफगढ़ विधनसभा क्षेत्र की 39 अनाधिकृत कॉलोनियों में 34 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इस परियोजना से करीब 55 हजार लोगों को सीवर की समस्या से राहत मिलेगी।
गौरतलब है, की यहां सीवेज को बिना ट्रीट किए ही नालों में बहाया जाता है, जिससे यमुना नदी में गंदा पानी गिरता है। यमुना में गंदा पानी न बहे, इसी को ध्यान में रखते हुए डीजेबी ने सीवर लाइन बिछाने का फैसला लिया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली को साफ–सुथरा रखने और यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के उद्देश से मुख्यमंत्री मुफ्त सीवर कनेक्शन योजना के अंतर्गत दिल्ली वासियों को मुफ्त सीवर कनेक्शन सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे है। जहां पहले सीवर कनेक्शन लेना बहुत महंगा था। सीवर कनेक्शन लेने के लिए लोगों को विकास, कनेक्शन और रोड कटिंग शुल्क देना पड़ता था। अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे निशुल्क कर दिया है। इसका फायदा दिल्ली के लाखों लोग उठा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि नजफगढ़ में 1607 घरों को व्यक्तिगत हाउस सीवर कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में यहां सीवरेज सिस्टम न होने से स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक या बरसाती नालों में सीवेज छोड़ा जाता है, जो की मौजूद नाले से यमुना नदी में गिरता है। इससे नदी के प्रदूषण स्तर में वृद्धि होती है। ऐसे में इस जल प्रदूषणकारी तत्वों को कम करने के लिए हर घर को सीवेज से जोड़ा जाएगा।
यहां से निकलने वाला सीवरेज, सीवर लाइनों के माध्यम से नजदीकी ट्रीटमंट प्लांट में ट्रीट के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद ट्रीटेड पानी यमुना में बहेगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड को दी है। जिस तरह पिछले कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प किया, वैसे ही इस बार यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही सरकार का मुख्य मकसद है।
यमुना क्लीनिंग सेल नए एसटीपी, डीएसटीपी का निर्माण, मौजूदा एसटीपी का 10/10 तक उन्नयन और क्षमता वृद्धि, अनधिकृत कालोनियों में सीवरेज नेटवर्क बिछाना, सेप्टेज प्रबंधन, ट्रंक/परिधीय सीवर लाइनों की गाद निकालना, पहले से अधिसूचित क्षेत्रों में सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना, आइएसपी के तहत नालों की ट्रैपिंग, नालियों का इन-सीटू ट्रीटमेंट आदि कार्यों कर रही हैं। जिससे दिल्लीवालों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले।