अनुभव गुप्ता, नई दिल्ली।
पहले हुआ गैंगस्टर से इंस्पायर, लेकिन चला गया जेल, वापस आया तो पड़ोसी से तबियत से हो गया झगड़ा। पुलिस ने हत्या के प्रयास के मुकदमें में बन्द करके तिहाड़ जेल पहुंचा दिया। लेकिन इस बार कब जेल से बाहर निकला तो उसने ठान ली की इस बार पड़ोसी को सबक सिखाने के लिए उसे निपटा ही दिया जाय। लेकिन इस बार AATS की टीम ने फिर से इसे दबोचकर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। इसकी पहचान परविंदर सिंह और उसे तमंचा उपलब्ध करवाने वाले अजित उर्फ खान के रूप में हुई।
द्वारका डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी एम हर्षवर्धन ने बताया की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड की पुलिस टीम ने तीन पिस्टल और चार जिंदा कारतूस भी बरामद किया है। इसके बारे में एएटीएस की टीम को लोकल इन्फॉर्मेशन मिली थी, की अवैध हथियार के साथ एक बदमाश द्वारका मोड़ के नवादा मेट्रो स्टेशन के पास आने वाला है। सूचना मिलते ही ऑपरेशन सेल के एसीपी राम अवतार की देखरेख में एएटीएस के इंचार्ज इंस्पेक्टर कमलेश, सब इंस्पेक्टर दिनेश कुमार सहायक सब इंस्पेक्टर दिनेश हेड कांस्टेबल जगत सिंह परविंदर राजेश इंद्र वरुण राजवीर कॉन्स्टेबल प्रवीण और अरविंद की टीम ने मौके पर पहुंचकर अपना ट्रेप लगाया।
बदमाश के मौके पर आते ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस टीम को उसके पास से दो पिस्टल मिली। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसकी पहचान परविंदर सिंह के रूप में कई गई। आगे की जांच में उसने पुलिस को बताया कि वह गैंगस्टरों से काफी प्रभावित है। इससे पहले वह हत्या के प्रयास और लूट के मामले में गिरफ्तार हो चुका है।
जब उस मामले में जेल से बाहर आया तो उसके बाद उसका पड़ोसी से झगड़ा हो गया था। जिसमे उसके ऊपर हत्या के प्रयास का एफआईआर दर्ज हो गया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने पड़ोसी को जान से मारने की प्लानिंग की। इसके लिए उसने मेवात इलाके में हथियारों की आपूर्ति करने वाले अजीत उर्फ खान से सम्पर्क किया और उससे हथियार खरीदे।
पुलिस टीम ने फिर इसकी निशानदेही पर मथुरा से हथियार सप्लायर अजीत उर्फ खान को दबोच लिया। आरोपी खान मेवात क्षेत्र में बदमाशों को हथियार की आपूर्ति करता है। पिस्टल और चार कारतूस उससे भी बरामद किए गए । पुलिस टीम ने पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल भेज दिया है।
परविंदर पहले से उत्तम नगर, बिंदापुर, बाबा हरिदासनगर और क्राइम ब्रांच थाना में दर्ज आधा दर्जन मामलों में शामिल रहा है