मणिपुर और नागालैंड में छापा मारने ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के नेतृत्व में बनानी पड़ी टीम, फिर मिली 5 गाड़ियां दिल्ली की
अनुभव गुप्ता, नई दिल्ली।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने संभल बेस्ट जिस इंटरस्टेट ऑटो लिफ्टर गैंग का पर्दाफाश किया, उनकी निशानदेही पर जिस आधा दर्जन गाड़ियों को बरामद किया गया वे सभी नागालैंड और मणिपुर में डिस्पोजल के लिए ले जाये जा चुके थे। मास्टरमाइंड से मिले इनपुट के बाद पुलिस टीम को महंगी कारें बरामद करने के लिए नार्थ इस्टेट में कई जगह छापेमारी करनी पड़ी। तब जाकर ये गाड़ियां बरामद की जा स्किन।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों मोहम्मद दानिश और राजा ने पुलिस को बताया था, की कैसे दिल्ली से गाड़ियां चुराकर वे लोग गैंग के दूसरे मेम्बरों के साथ मिलकर नार्थ ईस्ट के स्टेटस में भेजते थे।
स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि इस गैंग की निशानदेही पर नागालैंड और मणिपुर में रेड करने के लिए ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर एसडी मिश्रा और डीसीपी क्राइम विचित्र वीर के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम को भेजना पड़ा था।
साउथ दिल्ली के ओखला इलाके से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद दानिश और राजा से पुलिस को पता चला की उनके गैंग का सरगना भी उत्तर प्रदेश के संभल का रहने वाला है।
आगे की और पूछताछ जब की गई तो पता चला कि यह लोग हाल में ही पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके से हुंडई की एक गाड़ी चुराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि अब तक यह 50 से ज्यादा गाड़ियां चोरी कर चुके हैं और उसका डिस्पोजल नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में कर चुके हैं। इन्होंने दो और गैंग मेंबरों के बारे में जानकारी दी जो इनके साथ मिलकर काम करते हैं।
बरामद गाड़ियों में फॉर्च्यूनर, थार आदि शामिल है, जो दिल्ली के मुखर्जी नगर, मैदान गढ़ी, मोती नगर, राजौरी गार्डन और हरियाणा के गुरुग्राम इलाके से चुराई गई थी।
आगे की और विस्तृत पूछताछ हुई तो पुलिस को पता चला कि इनके गैंग का मेन मास्टरमाइंड गुलाम है, जो संभल में ही है। वह दिल्ली से चुराई गई गाड़ियों का फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों तक पहुंचाता है।
वहां पर चोरी की इन गाड़ियों को जुम्मा खान, इमरान, शाहिदूर और जॉनसन नाम का शख्स इनसे लेता है। इस मामले में आगे और छानबीन की जा रही है।