क्राइम ब्रांच दिल्ली की पुलिस टीम ने एक किडनैपर को गिरफ्तार किया है। जिसकी पहचान रामतेज कनौजिया के रूप में हुई है। वह जनता जीवन कैंप, ओखला, दिल्ली का रहने वाला है। जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर खुद को साइबर क्राइम, चंडीगढ़ पुलिस का अधिकारी बताकर एक व्यक्ति का अपहरण कर लिया था। फिर फिरौती की रकम की मांग की थी।
इस मामले में प्राथमिकी संख्या धारा 365/364A/368/ 386/ 323/ 506/120बी/34 आईपीसी के तहत थाना मंडावली, दिल्ली में वांटेड था।
हेड कांस्टेबल अभिनव त्यागी को गुप्त सूचना मिली कि थाना मंडावली, दिल्ली के सनसनीखेज अपहरण मामले में वांटेड अपहरणकर्ता रामतेज कनौजिया, हरकेश नगर, दिल्ली में छिपा हुआ है। अगर समय पर जाल बिछाया जाय तो आरोपी को पकड़ा जा सकता है।
आरोपियों को पकड़ने के लिए डीसीपी अमित गोयल की देखरेख में एसीपी अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी, रॉबिन त्यागी, सहायक उप निरीक्षक नीरज, नवीन, अमित, इंद्रजीत और अभिनव की टीम बनाया गया।
उपरोक्त सूचना के अनुसार टीम द्वारा हरकेश नगर, दिल्ली में जाल बिछाया गया और आरोपी रामतेज कनौजिया को सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपी रामतेज कनौजिया ने दिल्ली के थाना मंडावली के एक मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। उसने आगे खुलासा किया कि उसने अपने सहयोगियों के साथ पांडव नगर, दिल्ली से एक व्यक्ति का अपहरण किया था। अपहृत व्यक्ति के रिश्तेदारों से फिरौती की राशि वसूल की थी। फिरौती की रकम में से 2.50 लाख आरोपी रामतेज कनौजिया के बैंक खाते में मिले थे। जांच के दौरान उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन आरोपी रामतेज कनौजिया मामला दर्ज होने के बाद से ही अपनी गिरफ्तारी से बच रहा था।
बाद में उसे इस मामले में वांटेड अपराधी घोषित कर दिया गया था।
आरोपी रामतेज कनौजिया 10वीं कक्षा तक ही पढ़ा है। साल 2011 में उसने एक इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम करना शुरू किया और बाद में फोन तकनीशियन के रूप में भी काम किया। साल 2020 में वह राहुल के संपर्क में आया और फिरौती के लिए अपहरण जैसे अपराध में शामिल हो गया। इन दिनों वह अपने पिता के साथ विदेशों में मैनपावर मैनेजमेंट के कारोबार में काम कर रहा था।