शार्ट-टर्म लोन की उगाही में चाइना बेस्ड गैंग की मदद करने वाले 03 आरोपी गिरफ्तार
बाहरी जिले के साइबर थाने की पुलिस में ऑनलाइन ठगी के एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो ऑनलाइन शार्ट टर्म के लिए लोन लेने वाले लोगों को धमका कर पैसों की उगाही करते थे।

बाहरी जिले के साइबर थाने की पुलिस में ऑनलाइन ठगी के एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है, जो ऑनलाइन शार्ट टर्म के लिए लोन लेने वाले लोगों को धमका कर पैसों की उगाही करते थे। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, रवि कुमार पंकज, जावेद रज़ा अंसारी और विकास यादव के रूप में हुई है। ये क्रमशः राजस्थान के शाहपुर, उत्तम नगर के गुप्ता एन्क्लेव और यूपी के हाथरस के रहने वाले हैं।
डीसीपी समीर शर्मा के अनुसार, 22 मई को बाहरी जिले की साइबर पुलिस को दी गयी शिकायत में महिला शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें पैसों की जरूरत थी, जिसके लिए उन्होंने प्ले स्टोर से ” मैजिक मनी एप” डाऊनलोड किया था। जिससे उन्होंने शार्ट पीरियड के लिए कुछ लोन लिया था। तय समय के अंदर उन्होंने 6500 रुपये का भुगतान भी कर दिया। लेकिन उसके बाद उनके मोबाइल पर रकम की अदायगी के लिए धमकी और अपशब्द भरे कॉल आने लगे, जबकि उन्होंने पहले ही लोन की रकम चुकता कर दी थी।
इस मामले में महिला शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर एसीपी ऑपरेशन अरुण कुमार के नेतृत्व में एसएचओ संदीप पंवार, एसआई अमित कुमार, हेड कॉन्स्टेबल कुलबीर और कॉन्स्टेबल अंकित की टीम का गठन कर जांच में लगाया गया था।
जांच के दौरान, पुलिस ने बेनिफिसरी एकाउन्ट के डिटेल हासिल किए, जिसमें महिला शिकायतकर्ता द्वारा 6500 रुपये ट्रांसफर किये गए थे। पुलिस ने उस एकाउन्ट से जुड़े मोबाइल नंबर के कॉल डिटेल रिकॉर्ड को हासिल कर उसका विश्लेषण किया। इसके बाद संदिग्ध मोबाइल नंबर से लिंक अन्य एकाउंट का भी पता चला। जिसके विस्तृत विश्लेषण पर पुलिस को पता चला कि ठगों ने नॉएडा की एक जेन्युन कंपनी, मेसर्स टवेयर अपैरल प्रोईवेट लिमिटेड के डॉक्युमेंट्स ऑनलाइन डाउनलोड किये और उनका इस्तेमाल उन्होंने पेटीम, पेमेंट गेटवे के साथ एक ऑनलाइन सेटलमेंट एकाउन्ट खोलने के लिए किया था।
जिसमें उन्होंने झालावाड़, राजस्थान के रवि कुमार पंकज के आईसीआईसीआई बैंक के एकाउन्ट को लिंक किया था। ये वही एकाउन्ट था जिसमे महिला शिकायतकर्ता से 6500 रुपये उगाही कर ठगे गए थे। शक के आधार पर जब सभी ट्रांजेक्शनों की जांच की गई, तो उसमें चौकाने वाली बात का पता चला। उस एकाउन्ट में एक दिन में साढ़े 19 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया, जिसे आगे अन्य एकाउन्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था।
जाँच के दौरान उक्त बेनिफिसरी एकाउन्ट के होल्डर रवि कुमार पंकज को राजस्थान के झालावाड़ से 04 जुलाई को गिरफ्तार कर उसकी पुलिस कस्टडी रिमांड हासिल की गई। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी रवि ने खुलासा किया कि उसने अपने एकाउन्ट के अलावा 04 और एकाउन्ट को झालावाड़ के अपने जानकर मनीष मेहरा को 15 हजार प्रति एकाउन्ट के दर से बेच दिया था। आगे मनीष ने उन एकाउन्ट को किसी रज़ा अंसारी को बेचा था, जिससे वो टेलीग्राम एप के द्वारा संपर्क में आया था।
जिसके बाद पुलिस टीम ने मनीष मेहरा की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की लेकिन वो अपने घर से फरार मिला। लेकिन आरोपी जावेद रज़ा को ट्रेस कर 11 जुलाई को पुलिस उत्तम नगर के गुप्ता एन्क्लेव से गिरफ्तार करने में कामयाब रही।
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पूछताछ में आरोपी जावेद रज़ा ने बताया कि उसने बैंक एकाउंट के इंटरनेट बैंकिंग यूजरनेम और पासवर्ड एक मलेशियन नागरिक को उपलब्ध करवाया था, जिसने उससे टेलीग्राम एप के माध्यम से संपर्क किया था। इसके बदले उसे 30 हजार प्रति सेविंग एकाउन्ट, 50 हजार प्रति करेंट एकाउन्ट और 1 से डेढ़ लाख आईसीआईसीआई बैंक के करेंट एकाउन्ट के बदले दिया था।
गहन पूछताछ में आरोपी जावेद के एकाउन्ट के परचेज और सेलिंग के लिए, एक संदिग्ध विनोद यादव से संपर्क में होने का पता चला। बाद में विनोद यादव की पहचान हाथरस, यूपी के विकास यादव के रूप में हुई। जो वर्तमान में मधु विहार स्थित अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहा था। जिसे भी 12 जुलाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
जांच में, रवि कुमार पंकज के आईसीआईसीआई बैंक एकाउंट में बदला गया मोबाइल नम्बर उसके मोबाइल फोन में सेव मिला, और ये भी पता चला कि वो दूसरे लोगों के नाम से खोले गए एकाउन्ट की खरीद और बिक्री के लिए कई लोगों से संपर्क में था। उसने बताया कि उसने जावेद रज़ा को 07 एकाउन्ट बेचे थे।
आरोपियों के पास से ठगी में इस्तेमाल किये गए 04 मोबाइल फोन, 04 सिम कार्ड और 07 चेक बुक बरामद किए गए।
जांच क्रम में पुलिस को पता चला कि प्ले स्टोर पर कई चाइनीज ऑपरेटेड शार्ट टर्म लोन एप उपलब्ध हैं। ये एप डाउनलोड करने के बाद लोगों को तुरंत ही 07 दिनों के लिए रकम लोन के रूप में दे देते हैं। ये एप्लिकेशन लोन देने के पहले लोगों के पर्सनल डेटा का एक्सस ले लेते हैं। लोन की रकम का 25 प्रतिशत पहले ही प्रोसेसिंग फ़ी के नाम पर काट लिए जाते हैं। अगर कोई लोन की रकम की अदायगी 07 दिनों में नहीं कर पाता है तो इंट्रेस्ट और पेनल्टी की रकम को मिला कर लोन एमाउंट को दुगना कर दिया जाता है। जिसके बाद नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में स्थित कॉल सेंटर से पीड़ितों को उनके निजी जानकारियों, जिसका एक्सस एप डाऊनलोड करने के दौरान स्वीकारें में ही हासिल कर लेते थे, को लीक करने की धमकी देकर उनसे रकम की अदायगी के लिए कहा जाता था।
चूंकि इन सभी एकाउन्ट को रकम वापस लेने के लिए भारतीय एकाउन्ट की आवश्यकता होती थी, इसी वजह से गरीब लोगों के नाम पर खोले गए एकाउन्ट की खरीदारी की जाती थी, और इसके लिए वो जावेद रज़ा अंसारी, और विकास यादव जैसे लोगों का सहारा लेते हैं।
हालांकि इस पूरे ठगी का किंगपिन हॉंगकॉंग में बैठ कर इसे ऑपरेट कर रहा है। पुलिस उसके आईपी एड्रेस को ट्रैक कर उसे पकड़ने की कोशिश में लगी हुई है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।