Ambedkar Hospital || नर्सिंग स्टाफ ने क्यों किया प्रदर्शन, खतरे में नौकरी ?
नर्सिंग स्टाफ ने अस्पताल परिसर में किया प्रदर्शन कॉन्ट्रैक्ट बदलने के कारण नौकरी पर संकट नौकरी की एवज में शुल्क की मांग
मुस्ताक आलम, अंबेडकर हॉस्पिटल।
दिल्ली में अंबेडकर अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने अस्पताल परिसर पर किया प्रदर्शन. कर्मचारियों का आरोप कॉन्ट्रैक्ट बदलने के कारण उनकी नौकरी पर छाए संकट के बादल. कर्मचारियों ने नए कांट्रेक्टर पर लगाए गंभीर आरोप. कहा नौकरी के एवज में की जा रही है मोटी सुविधा शुल्क की मांग. पैसे ना देने पर लोगों को नौकरी से हटाया जा रहा. कर्मचारियों का आरोप शिकायत के बावजूद नहीं किया जा रहा समस्या का समाधान.
लगातार सुर्खियों में रहने वाला दिल्ली का सरकारी अस्पताल एक बार फिर से सुर्खियां बटोर रहा है. इस बार सुर्खियों में है दिल्ली के रोहिणी स्थित अंबेडकर अस्पताल. दरअसल अंबेडकर अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ प्रदर्शन पर उतर गए हैं. नर्सिंग स्टाफ ने अस्पताल प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. बुधवार को बड़ी संख्या में नर्सिंग स्टाफ ने अंबेडकर अस्पताल के बाहर गेट पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अंबेडकर अस्पताल में 15 जनवरी से नर्सिंग स्टाफ का नया कांट्रैक्ट आने वाला है. ऐसे में उनके रोजगार पर इसका काफी असर पड़ने वाला है. इनका कहना है कि नए कॉन्ट्रैक्ट में इनकी बहाली के बदले इनसे बड़ी सुविधा शुल्क लिया जा रहा है. प्रदर्शनकारी नर्सिंग स्टाफ ने कहा कि उनसे नौकरी के बदले पैसे की मांग की जा रही है. पैसे ना देने की एवज में उन्हें नौकरी से बाहर निकालने की धमकी दी जा रही है. प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कहा कि नए कॉन्ट्रैक्ट की लिस्ट में 80 प्रतिशत पुराने कर्मचारी और 20 प्रतिशत नये कर्मचारी को रखने का प्रावधान है, लेकिन यहां पर सभी नियमों को ताक पर रखकर कर्मचारियों से मोटे तौर पर सुविधा शुल्क वसूला जा रहा है. इस कारण कर्मचारियों के सामने अब नौकरी बचाना एक बड़ी चुनौती बन गई है. हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि इस बाबत उन्होंने अस्पताल प्रशासन को अवगत कराया है, बावजूद इसके उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला गया है.
फिल्हाल नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि अगर उन्हें नौकरी से निकाला जाता है तो उनके सामने अपने परिवार के पालन पोषण के लिए रोजगार की एक बड़ी चुनौती सामने आ जाएगी. ऐसे में इन तमाम कर्मचारियों ने गुहार लगाई है कि सरकार इनकी इस समस्या पर अपना ध्यान आकर्षित करे और इन्हे वापस नौकरी पर रखा जाए. लिहाजा देखना लाजमी होगा कि इनकी समस्या का समाधान कैसे और कब तक निकलता है.