विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी के मामले का एक एजेंट गिरफ्तार।
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इंटरनेशनल इम्मीग्रेशन रैकेट का खुलासा करते हुए 01 एजेंट को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है,

दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इंटरनेशनल इम्मीग्रेशन रैकेट का खुलासा करते हुए 01 एजेंट को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है, जो फर्जी पासपोर्ट और वीजा के आधार पर लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी को अंजाम देता था। इसके पास से 04 मोबाइल बरामद किया गया है।
डीसीपी आईजीआईए, तनु शर्मा के अनुसार, 06 मई को एक हवाई यात्री रवि रमेशभाई चौधरी को डिपोर्ट कर कुवैत से फ्लाइट नम्बर KU-383 से दिल्ली भेजा गया था। हवाई यात्री फर्जी पासपोर्ट लेकर अराईवल के इम्मीग्रेशन पर क्लियरेंस के लिए पहुंचा था। इम्मीग्रेशन अधिकारियों द्वारा ट्रेवल डॉक्यूमेंट की स्क्रूटनी में उन्हें पासपोर्ट के फर्जी होने का शक हुआ। जिसकी बारीकी से जांच करने पर डुप्लीकेट पासपोर्ट होने का पता चला। जिस पर उसके खिलाफ चीटिंग का मामला दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया।
बड़े पैमाने पर दुनिया भर में लोगों को विदेश भेजने के नाम पर हो रहे ठगी की वारदातों को देखते हुए एसीपी क्राइम चंद्रशेखर के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सतीश कुमार्ज़ हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र और कॉन्स्टेबल लोहित की टीम का गठन किया गया था।
जांच के दौरान पुलिस ने हवाई यात्री रवि रमेशभाई चौधरी को गिरफ्तार कर लिया, और उससे गहन पूछताछ की गई। जिसमे उसने बताया कि वो कुछ एजेंटों के संपर्क में आया था, जिनके नाम, नारायणभाई, ज़ाकिर यूसुफ शेख और मुश्ताक उर्फ जमील पिक्चरवाला हैं। ये सभी गुजरात और मुम्बई के रहने वाले हैं।
रवि रमेशभाई ने बताया कि गुजरात के एजेंट नारायणभाई ने उसे भरोसा दिया था कि 65 लाख रुपये में उसका फर्जी पासपोर्ट और वीजा अरेंज हो जाएगा, और इसके लिए उसने मुम्बई बेस्ड सहयोगी एजेंट ज़ाकिर यूसुफ शेख और मुश्ताक उर्फ जमील पिक्चरवाला का कॉन्टैक्ट उससे शेयर किया।
65 लाख रुपये में डील फाइनल होने के बाद, रवि ने एजेंट नारायणभाई को एडवांस के रूप में 15 लाख रुपये कैश दिए। जिसके बाद उसने रवि को ज़ाकिर और मुश्ताक से संपर्क करने को कहा जो मुम्बई और दिल्ली से ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट को ऑपरेट करते हैं। रवि ने वाट्सएप पर अपने सिग्नेचर और फोटोग्राफ मुश्ताक को भेजे। जिसके बाद मुश्ताक ने ज़ाकिर के निर्देश पर रवि रमेशभाई चौधरी के नाम के फर्जी पासपोर्ट की व्यवस्था की।
इसके बाद, फर्जी पासपोर्ट के आधार पर नीदरलैंड का फर्जी शेंगेन वीजा प्राप्त किया गया। आरोपी यात्री के नीदरलैंड से मैक्सिको और फिर अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने के बाद, बाकी की रकम को उसके परिवारवाले नारायणभाई को देते।
रवि रमेशभाई की गिरफ्तारी की जानकारी के बाद से ही सभी एजेंट मुम्बई और गुजारत स्थित अपने घर से फरार हो गए, और लगातार अपना पता बदल कर रह रहे थे। उनके कॉल डिटेल्स की बारीकी से जांच के बाद, पुलिस नारायणभाई चौधरी, ज़ाकिर और मुश्ताक के मूवमेंट को ट्रैक करने में लग गयी।
आखिरकार पुलिस के निरंतर प्रयास का फल मिला और उन्होंने मुम्बई से मुश्ताक उर्फ जमील पिक्चरवाला को दबोच लिया। ये, मुम्बई में ज़ाकिर और गुजरात मे नारायणभाई के साथ मिल कर फर्जी वीजा और पासपोर्ट बनाने का काम करता था। ये ज्यादातर मुम्बई और गुजारत के लोगों को ही अपना शिकार बनाते थे।
इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार का आगे की जांच में जुट गई है। इसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम अलग-अलग जगहों पर छापेमारी में भी लगी हुई है।