बिज़नेस

Desi Jugaad: किसान के बेटे ने छोड़ दी प्राइवेट नौकरी, YouTube से सीखकर खोजी ऐसी मशीन; घंटों का काम मिनटों में

Desi Jugaad: कई बार हम उन चीजों में उलझ जाते हैं, जिन्हें हम सिर्फ एक ट्रिक लगाकर सुलझा सकते हैं. ऐसे ही ट्रिक को भारत में देसी जुगाड़ का नाम दिया गया है. चलिए देखते हैं कुछ ऐसा ही एक वीडियो, जिसमें देसी जुगाड़ लगाया गया है.

Desi Jugaad News: आपने यह कहावत तो जरूर सुनी होगी कि ‘आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है’. इस कहावत को सही मायने में सच करने वाले एक किसान के बेटे ने कर दिखाया है. तेलंगाना में एक युवा किसान आईटीआई पास आउट के बाद प्राइवेट नौकरी शुरू कर दी, लेकिन उसने खेत के लिए एक ऐसी मशीन तैयार की जिसे देखकर किसान समूह खुश हो गया. किसान के बेटे ने धान-रोपण मशीन का आविष्कार किया है. गांव में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए वित्तीय समस्या थी, जोकि इस आविष्कार ने उबारने का काम किया है. इस प्रकार यह कृषक समुदाय के लिए एक वरदान बन गया है.

जुगाड़ से तेलंगाना में किसान के बेटे ने किया आविष्कार

तेलंगाना के कामारेड्डी जिले के भीकनूर मंडल के कचापुर गांव के मूल निवासी कम्मारी नागास्वामी ने आईटीआई से पास किया और हैदराबाद में एक निजी कंपनी में नौकरी करके अपने परिवार की आर्थिक मदद की. कोविड -19 महामारी जिसने दुनिया को संकट में डाल दिया, उसकी वजह से कम्मारी नागास्वामी को भी नौकरी खोने का खतरा दिखा. नौकरी छोड़कर नागस्वामी ने खुद का सामान पैक करके अपने पैतृक गांव पर लौट गया. वहां, उन्होंने अपनी मां के सपोर्ट से खरीदी गई एक एकड़ खेत से आजीविका चलाने का फैसला किया.

खेत में किसानों को ऐसे मिल रही है मदद 

नागास्वामी को धान की रोपाई करते समय किसानों को होने वाली कठिनाइयों को देखकर समझ नहीं आया. उन्होंने यह भी देखा कि धान को मैन्युअल रूप से बोने के लिए खेतिहर मजदूरों की कमी थी. यह तब था, जब उन्होंने अपने हाथों में एक धान रोपण मशीन में निवेश करके मामलों को अपने हाथों में लेने का फैसला किया. उन्होंने खुद को शिक्षित करने के लिए YouTube पर DIY ट्यूटोरियल वीडियो देखना शुरू किया और उनके दिमाग में एक सरल लक्ष्य था: एक मशीन बनाना है. हालांकि उन्हें उनके भाई संदीप कुमार का सपोर्ट था, लेकिन धान बोने की मशीन का आविष्कार करने में नागास्वामी को एक साल का समय लगा. निर्माण में उन्हें 50,000 रुपये खर्च हुए. जुगाड़ से तैयार किए गए मशीन को दो-12 वोल्ट की बैटरी और एक बीआरटीएस मोटर से बनाया गया था.

कुछ ऐसे तैयार की गई है मशीन

नागास्वामी के अनुसार, मशीन बैटरी से चलेगी, जिससे मैनुअल काम खत्म हो जाएगा. मशीन एक बार में पांच पंक्तियों में धान की बुआई करेगी. बोने के लिए धान की एक निर्दिष्ट मात्रा को समायोजित करने के लिए खेत में एक साथ पांच पंक्तियों को भरने के लिए दो छड़ें अतिरिक्त रूप से मोटर पर लगाई जाती हैं. कहने की जरूरत नहीं है कि नागास्वामी ने अन्य किसानों को प्रेरित किया है जो अपने स्वयं के धान बोने के लिए अद्वितीय आविष्कार का यूज करते हैं.

nn24news

एन एन न्यूज़ (न्यूज़ नेटवर्क इंडिया ग्रुप) का एक हिस्सा है, जो एक डिजिटल प्लेटफार्म है और यह बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड अन्य राज्य सहित राजनीति, मनोरंजन, खेल, करंट अफेयर्स और ब्रेकिंग खबरों की हर जानकारी सबसे तेज जनता तक पहुंचाने का प्रयास करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button