दिल्ली

चोरी की गाड़ी को करता डिस्मेंटल, मास्टरमाइंड को दबोचा, कई मामले खुले।

चोरी गयी 01 कार, 01 टूटा नम्बर प्लेट, 01 जला हुआ नम्बर प्लेट और 2 डॉक्युमेंट्स, बिना टायर के 02 गाड़ी, 02 इंजन और 02 चेचिस बरामद।

क्राइम ब्रांच एनआर- 1 की टीम ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो चोरी की गाड़ियों को डिस्मेंटल कर उनके पार्ट्स को बेचता था। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान, त्रिलोक मारवाह के रूप में हुई है। ये दिल्ली के विकासपुरी का रहने वाला है।

एसीपी अनिल शर्मा के अनुसार, रणहौला स्थित गली नम्बर 9 स्थित आरोपी के वर्कशॉप से पुलिस ने चोरी गयी 01 कार, 01 टूटा नम्बर प्लेट, 01 जला हुआ नम्बर प्लेट और 2 डॉक्युमेंट्स, बिना टायर के 02 गाड़ी, 02 इंजन और 02 चेचिस बरामद किया है। इसकी गिरफ्तारी से पुलिस ने वाहन चोरी के 09 मामलों का खुलासा किया है।

पुलिस ने बताया कि प्रशांत विहार स्थित क्राइम ब्रांच एनआर-1 की पुलिस को गुप्त सूत्रों से रणहौला गाँव मे चोरी की गाड़ियों के डिस्मेंटल किये जाने की सूचना मिली थी। जिस पर प्रतिक्रिया करते हुए, एसीपी अनिल शर्मा की देखरेख में इंस्पेक्टर पंकज ठाकरान के नेतृत्व में एसआई सीताराम, हेड कॉन्स्टेबल संदीप, त्रिशपाल, विकेश और दिनेश की टीम का गठन किया गया।

पुलिस टीम ने सूत्रों की निशानदेही पर रणहौला गाँव के गली नम्बर 09 स्थित वर्कशॉप में छापेमारी की, जहां उन्हें मारुति स्विफ्ट डिजायर कार के अलावा आंशिक रूप से डिस्मेंटल किये हुए 02 गाड़ी पार्क मिले। इसके अलावा पुलिस को वहां कई अन्य गाड़ियां, पार्क किये हुए मिले। जिनमें से कुछ डिस्मेंटल किये जा चुके थे। कुछ इंजन, चेचिस और जले नम्बर प्लेट आदि बरामद किए गए।

वेरिफिकेशन में स्विफ्ट डिजायर गाड़ी के चोरी के होने का पता चला, इसके अलावा वहां से बरामद इंजन, चेचिस आदि के भी चोरी के होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद पुलिस ने वहां मौजूद वर्कशॉप के ओनर त्रिलोक मारवाह को हिरासत में ले लिया और बरामद गाड़ी और उनके पार्ट्स को जब्त कर लिया।

पूछताछ में आरोपी त्रिलोक ने बताया कि वो मुम्बई का रहने वाला है, जहां वो पुरानी गाड़ियों के पार्ट्स की खरीद-बिक्री करता था। 2016 में वो अपनी फैमिली के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गया। जहां शुरुआत में वो पुरानी गाड़ियों को खरीद कर उनके पार्ट्स को निकाल कर बेचा करता था। बाद में जब वो मायापुरी शिफ्ट हुआ तो वो कुछ वाहन चोरों में संपर्क में आया। जिसके बाद वो चोरी की नई गाड़ियों जो खरीद कर उसके पार्ट्स निकालने लगा, जिसे बेच कर उसे काफी मुनाफा होता था। मायापुरी में सीलिंग के बाद वो रणहौला शिफ्ट हो गया, जहां उसने किराए पर एक प्लॉट लिया और अपने काम को जारी रखा।

आगे उसने बताया कि वो गाड़ियों के स्क्रेप मटेरियल को नजफगढ के रहने वाले सुनील नाम के शख्स को बेचता था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी त्रिलोक के साथ उसके सहयोगी तरणजीत सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है, और आगे की जांच में जुट कर आरोपी सुनील और अन्य की तलाश में जुट गई है।

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