
द्वारका सेक्टर 11 में करोड़ों की जमीन फिलहाल डंपिंग यार्ड बनी हुई है। सोसाइटी के सामने वाले पार्क के चारों तरफ डीडीए का खाली पड़ा प्लॉट है जहाँ डंपिंग यार्ड बन जाने और झुग्गियों के डलने से सोसाइटी में रहने वाले लोगों को दोहरी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
तस्वीरें द्वारका सेक्टर 11 के पार्क के चारों तरफ खाली पड़े डीडीए प्लॉट की हैं, जिसकी कीमत करोड़ों में है। लेकिन फिलहाल ये डंपिंग यार्ड बना हुआ है। साथ ही यहां लोग झुग्गियां डाल कर रहने भी लगे हैं।
सोसाइटी के लोगों ने बताया कि हर साल डीडीए इस प्लॉट की सफाई में लाखों रुपये खर्च करती है, और फिर उसके बाद यहां की हालत ऐसी ही हो जाती है। ऊपर से लोग झुग्गियां डाल कर यहां रहने लगे हैं, जिसकी संख्या भी बढ़ती जा रही है।
डंपिंग यार्ड बना देने की वजह से कचड़ों की बदबू से तो लोग परेशान हैं ही, साथ ही अनाधिकृत रूप से यहां बस रहे लोग भी द्वारका वासियों के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं।
सुभाष चंद्र गुप्ता स्थानीय निवासी द्वारका
करोड़ों की लागत से बसाई गयी द्वारका उपनगरी में डंपिंग यार्ड और झुग्गियों को बसाए जाने को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति है, बावजूद इसके यहां पर करोड़ों का डीडीए प्लॉट डंपिंग यार्ड बना हुआ है और यहां झुग्गियां डाल कर लोग रहने भी लगे हैं।
रमेश चंद्र रस्तोगी द्वारका स्थानीय निवासी
लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द इन झुग्गियीं को हटा कर, इस जगह की सफाई कार्रवाई जाए और ये भी सुनिश्चित किया जाए कि फिर से ये डंपिंग यार्ड ना बन पाए। इससे द्वारका के लोग तो परेशान हो ही रहे हैं, साथ ही हर साल डीडीए के लाखों रुपये भी इसकी सफाई में बर्बाद हो रहे हैं।
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