ढाँसा बॉर्डर से आज किसानों की घर वापसी, हुआ अंतिम लंगर
दिल्ली-हरियाणा के ढाँसा बॉर्डर से आज किसानों की घर वापसी हो रही है। कृषि बिल कब विरोध में पिछले 13 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने सरकार द्वारा उन कानूनों की वापसी और इनकी मांगों के माने जाने के बाद, आज किसान अपने घरों को लौटेंगे।

दिल्ली: दिल्ली-हरियाणा के ढाँसा बॉर्डर से आज किसानों की घर वापसी हो रही है। कृषि बिल कब विरोध में पिछले 13 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने सरकार द्वारा उन कानूनों की वापसी और इनकी मांगों के माने जाने के बाद, आज किसान अपने घरों को लौटेंगे। किसान घर वापसी से पहले ढाँसा बॉर्डर पर एक दूसरे के साथ डीजे के गानो पर थिरक रहे हैं। ये खुशी उनकी जीत और 13 महीनों बाद घर वापसी की है। इस दौरान इस खुशी के मौके पर आंदोलन में शामिल रहे बुजुर्गों, माननीय लोगों को पगड़ी बांध कर उनका अभिवादन और सम्मान भी किया गया।
वीरेंद्र डागर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन
बिल वापसी और मांगों के माने जाने के बाद वापसी से पहले ढाँसा बॉर्डर पर जश्न का माहौल है, और वापसी से पहले यहां अंतिम लंगर का भी आयोजन किया गया। जिसमें हलवा, खीर-पुरी, लड्डू आदि व्यंजनों को लोगों के खाने में परोसा गया।
धर्मपाल बाकरगढ़ (प्रधान दिल्ली)
आज किसानों की जीत और घर वापसी के मौके पर खुशी के माहौल के बीच इस आंदोलन के दौरान शहीद हुए 700 किसानों की मौत का अफसोस भी इन्हें है। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि खुशी के इस मौके पर नाच-गाना, लंगर सब हो रहा है। लेकिन ये उत्साह और भी ज्यादा होता अगर आंदोलन के दौरान 700 किसानों की शहादत नहीं हुई होती। ये जीत हर किसान की है, और इसके लिए शहीद हुए उन किसानों के योगदान को भी हमेशा याद रखा जाएगा।