Haryana Breaking: 31 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन।।
नितिन शर्मा, पलवल।
पलवल बस स्टैंड परिसर में रोडवेज कर्मचारियों ने हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के बैनर तले अपनी लंबित 31 सूत्रीय मांगों को लेकर 6 घंटे का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
रोडवेज कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अपनी लंबित 31 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के रोडवेज कर्मचारी आज सरकार के खिलाफ सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक 6 घन्टे का सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगे है परिचालक व लिपिकों का वेतनमान 35 हजार 400 रुपये किया जाए, कर्मचारियों के देय अर्जित अवकाश कटौती के जारी आदेशों को वापस लिया जाए, नई पेंशन नीति को बंद करके पुरानी पेंशन नीति लागू की जाए, विभाग के बेड़े में बढ़ती आबादी अनुसार 10 हजार सरकारी बसों को शामिल किया जाए, एक्स ग्रेशिया नीति में लगाई गई शर्तों को हटाया जाए, कर्मचारियों के भत्तों में महंगाई अनुसार बढ़ोतरी की जाए, सभी प्रकार की बीमारी के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा दी जाए सहित 31 सूत्रीय मांगे हैं।
उनका कहना है कि रोडवेज कर्मचारी नेताओं की अपनी मांगों को लेकर सरकार व उच्च अधिकारियों से कई बार बातचीत में सहमति बनने के बावजूद आज तक उन्हें लागू नहीं किया गया है। जिसके चलते कर्मचारियों में सरकार के प्रति खासा रोष व्याप्त है। अगर समय रहते सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया। तो आने वाले चुनाव में सरकार को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कई प्रदेशों में पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया गया है। जबकि हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री यह कह रहे हैं कि अगर देश में पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाएगा। तो वर्ष 2030 तक देश का दिवालिया निकल जाएगा। उन्होंने कहा विधायक और मंत्री कई पेंशन ले रहे हैं।उससे देश का दिवालिया नहीं निकला।
लेकिन कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने से देश का दिवालिया कैसे निकल जाएगा। यह सरकार कर्मचारी विरोधी सरकार है। इसलिए अब कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का मूड बना लिया है। अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगों को पूरा नहीं किया। तो आगामी 12 मार्च को फरीदाबाद में परिवहन मंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा। इसके बावजूद भी अगर सरकार कुंभकरण नींद से नहीं जागी। तो रोडवेज कर्मचारी चक्का जाम करने को भी तैयार हैं। इसके अलावा आगामी चुनाव में वोट की चोट से भी वह सरकार को जवाब देने का काम करेंगे। जिसके ज़िम्मेदार स्वयं हरियाणा सरकार होगी।