जाने वैष्णो देवी मंदिर का ये सच, नवरात्रि पर दिखती है मंदिर में बहुत भीड़
कहा जाता है कि माता के दरबार में जो भी जाता है उसका दर्शन भैरोनाथ के दर्शन के बिना अधूरा माना जाता है। पुराने समय को देखा जाए तो माता का दरबार अब बहुत अलग बन गया है। भैरोनाथ का वध करने के बाद मान्यता के अनुसार मां वैष्णवी ने अपना मनुष्य रूप त्याग दिया था

वैसे तो हमेशा ही श्रद्धालुओं की भीड़ वैष्णो देवी मैं देखने को मिलती है पर सबसे ज्यादा नवरात्रि और नये साल पर यहाँ भीड़ दिखाई देती है यहाँ एक दिन में लगभग 1-2 लाख लोग माँ वैष्णो देवी के दर्शन करने आते हैं! माँ वैष्णों देवी का यह प्रसिद्ध दरबार हिन्दू धर्म के अनुसार एक प्रमुख तीर्थस्थल होने के साथ – साथ 51 शक्तिपीठों में से एक मानी जाती है, जहाँ दूर – दूर से लाखों श्रद्धालु माँ के दर्शन के लिए आते हैं। यह उत्तरी भारत में सबसे पूजनीय पवित्र स्थलों में से एक है।
वही कहा जाता है कि माता के दरबार में जो भी जाता है उसका दर्शन भैरोनाथ के दर्शन के बिना अधूरा माना जाता है। पुराने समय को देखा जाए तो माता का दरबार अब बहुत अलग बन गया है। भैरोनाथ का वध करने के बाद मान्यता के अनुसार मां वैष्णवी ने अपना मनुष्य रूप त्याग दिया था और उसके बाद पत्थर का रूप लेकर तपस्या में लीन हो गई थीं और वही मूर्तियां मां वैष्णवी के रूप में पूजी जाती हैं।
ये भी पढ़े: इन राशियों पर होगी मंगलदेव की कृपा, नौकरी के अवसर के साथ तरक्की