अब सरकारी संपत्ति बेचकर कर्ज चुकाएगा पाकिस्तान, नए कानून को सरकार की मंजूरी
पाकिस्तान सरकार यह नया कानून तेल और गैस कंपनियों में हिस्सेदारी और सरकारी बिजली कंपनी को संयुक्त अरब अमीरात को 2 से 2.5 अरब डॉलर में बेचने के लिए लेकर आई है, ताकि दिवालिया होने के खतरे को टाला जा सके. पाक पर यूएई का काफी कर्ज है.

लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान किसी भी कीमत पर पड़ोसी मुल्क श्रीलंका जैसे हालात देश में नहीं चाहता. यही वजह है कि पाकिस्तान सरकार अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए दूसरे देशों को सरकारी संपत्ति की आपात बिक्री के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब कोई भी दूसरा देश बिना किसी बाधा के पाकिस्तान की सरकारी कंपनियों को खरीद सकेगा. इस कानून में सभी निर्धारित प्रक्रिया और नियामक जांच से परे जाकर सरकारी संपत्ति को दूसरे देशों को बेचने का प्रावधान किया गया है.
अब किसी भी डील पर कोर्ट में सुनवाई नहीं
स्थानीय मीडिया में शनिवार को इस संबंध में आई खबरों में बताया गया कि, सरकार ने यह फैसला देश के दिवालिया होने के खतरे को टालने के लिए लिया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, अंतर सरकारी वाणिज्यिक हस्तांतरण अध्यादेश-2022 को संघीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। इस अध्यादेश में प्रावधान किया गया है कि सरकार द्वारा संपत्ति या हिस्सेदारी दूसरे देशों को बेचने के खिलाफ दायर याचिका पर अदालत सुनवाई नहीं करेगी।
यूएई कर रही बिजली कंपनी खरीदने की तैयारी
पाकिस्तान सरकार का यह फैसला तेल और गैस कंपनियों में हिस्सेदारी और सरकारी बिजली कंपनी को संयुक्त अरब अमीरात को 2 से 2.5 अरब डॉलर में बेचने के लिए लिया गया है ताकि दिवालिया होने के खतरे को टाला जा सके. अखबार ने कहा कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अबतक इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.