बारिश के पानी की मार से अब तक नहीं उबर पाये नर्सरी वाले
बारिश के मौसम में हुई लगातार बारिश और बाढ़ की मार का असर दिल्ली देहात के किसानों पर तो पड़ा ही था, उनके साथ इसका असर बक्करवाला के 2 दर्जन नर्सरी संचालकों पर भी पड़ा।

दिल्ली: बारिश के मौसम में हुई लगातार बारिश और बाढ़ की मार का असर दिल्ली देहात के किसानों पर तो पड़ा ही था, उनके साथ इसका असर बक्करवाला के 2 दर्जन नर्सरी संचालकों पर भी पड़ा। जिसकी मार से बक्करवाला के चंचल नर्सरी संचालक अब तक उबर नहीं पाए हैं। आप देख सकते हैं नर्सरी के ज्यादातर पौधे खराब हो चुके हैं। हालात ऐसे हैं कि आज नर्सरी संचालकों के पास बेचने के लिए गिनती के पौधे बचे हैं। जो इनकी मेहनत और हर महीने हो रहे नुकसान के सामने तिनका भर ही हैं।

सर्दियों के मौसम में होने वाले फूलों और पौधों की माँग को देखते हुए 4 महीने पहले से ही सीजनल फूल-पौधों की रोपाई कर उसकी तैयारी में लगे हूए थे। लेकिन 2 महीनों पहले हुई लगातार बारिश और बाढ़ की वजह से दिल्ली देहात के खेतों सहित इनके नर्सरी में भी पानी भर गया था। जिस कारण नर्सरी में लगाये गए इनके लगभग फूल-पौधे खराब हो गए। जिस वजह से इन्हें आज लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
दीपचंद प्रजापति चंचल नर्सरी के मालिक
चंचल नर्सरी संचालक ने बताया कि ये प्रति एकड़ डेढ़ लाख रुपये सिर्फ किराये के रूप में जमीन मालिक को देते हैं। उसके अलावा यहां के कामगारों की तनख्वाह, बिजली और अन्य ख़र्चे मिला कर हर महीने इन्हें लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। और आज इनके पास बेचने के लिए कुछ भी नहीं है।
इनका कहना है कि ये 35 सालों से नर्सरी चला रहे हैं, और अपने जीवन मे इन्हने इतना बुरा वक्त कभी नहीं देखा। दो सालों से कोरोना की मार, उसके बाद बारिश की मार ने इनकी कमर तोड़ कर रख दी है, और आज ये बमुश्किल अपने परिवार के लिए रोटी का इंतजाम कर पा रहे है।