Prayagraj News: मौनी अमावस्या के दिन क्यों उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।।
घनश्याम शुक्ला, प्रयागराज।
देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेले के तीसरे स्नान पर्व मौनी अमावस्या के मौके पर गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। कडकडाती ठण्ड और हल्के कोहरे के बावजूद देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं में मौन रहकर आस्था की डुबकी लगाने की होड़ सी मची हुई है। ग्रहों और नक्षत्रों के ख़ास संयोग की वजह से इस बार की मौनी अमावस्या का महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ गया है।
लिहाज़ा संगम पर इतनी भीड़ उमड़ पडी है कि कहीं तिल रखने की भी जगह नहीं बची है। प्रशासन का दावा है कि शाम तक 2 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु त्रिवेणी की धारा में आस्था की डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना करेंगे। भारी भीड़ की वजह से मेले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। संगम के सभी 17 स्नान घाटों और प्रमुख जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम है। श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टर के द्वारा पुष्प वर्षा भी की। बीती रात बारिश भी हुई लेकिन उसके बावजूद भी आस्था बारिश ठंड और कोहरे पर भारी पड़ती हुई नजर आई।
श्रद्धालुओं का कारवां ख़ास मुहूर्त की परवाह किये बिना रात से ही त्रिवेणी की धारा में डुबकी लगाकर अपने जन्म-जन्म के पाप धो लेने के उतावला नज़र आ रहा है। इस मौके पर श्रद्धालु मौन रहकर आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही गंगा मैया की आराधना करते हुए तिल और जौ का दान भी कर रहे हैं।मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर तीर्थराज प्रयाग के संगम पर सभी तैंतीस करोड़ देवी-देवता भी अदृश्य रूप में मौजूद रहते हैं, लिहाजा यहाँ देश के कोने-कोने से साधु-संत, साधक और आम श्रद्धालु आये हुए हैं।