इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर को बोनस का झांसा दे कर ठगी के गैंग का खुलासा
इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर को बोनस का झांसा दे कर उनसे पैसों की ठगी को अंजाम देते थे। इस मामले में गिरफ्तार 4 आरोपियों की पहचान चांदनी चौक के आदित्य शर्मा उर्फ पिंटू, पहाड़गंज के नीरज शर्मा, प्रेम नगर 2 के विपिन कुमार और आनंद पर्वत की उमा के रूप में हुई है।

सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की साइबर पुलिस ने ठगों के एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है। जो इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर को बोनस का झांसा दे कर उनसे पैसों की ठगी को अंजाम देते थे। इस मामले में गिरफ्तार 4 आरोपियों की पहचान चांदनी चौक के आदित्य शर्मा उर्फ पिंटू, पहाड़गंज के नीरज शर्मा, प्रेम नगर 2 के विपिन कुमार और आनंद पर्वत की उमा के रूप में हुई है।
डीसीपी सेंट्रल, श्वेता चौहान के अनुसार, 6 दिसंबर को कमला मार्केट साइबर पुलिस को दी गयी शिकायत में पीड़ित मुकेश कुमार मीणा ने बताया कि 29 सितंबर को उनके मोबाइल पर एक कॉल आयी थी, जिसमे कॉलर ने खुद को पीएनबी मेट लाईफ इंश्योरेंस कर्मी बताते हुए उनके इंश्योरेंस पॉलिसी नम्बर को उन्हें बताया। जिस पर उन्हें कॉल के इंश्योरेंश कंपनी से ही आने का भरोसा हो गया। जिसके बाद कॉलर ने उन्हें बताया कि उनके पॉलिसी ब्रोकर ने उनके पॉलिसी पर मिले 75 हजार रुपये इंट्रेस्ट की रकम का दावा किया है। जो उसके द्वारा की गई सेवाओं के लिए उसके एकाउन्ट के क्रेडिट की जाएगी। और इसी के लिए आप से रजामंदी लेने के लिए कॉल किया गया है।
आगे उसने पीड़ित को झांसे में लेते हुए इस रकम को उनके एकाउन्ट में क्रेडिट करने की बात बताई। जिसके लियूए उन्हें 21 हजार 700 की रकम अदा करनी होगी। जिस पर पीड़ित ने 75 हजार 700 रुपये पाने के झाँसे में आ कर 21 हजार 700 रुपये कॉलर के निर्देशानुसार पे कर दिए। उसके बाद कई बार संपर्क किये जाने के बाद भी उक्त रकम उनके खाते में नहीं भेजी गई। जिसके बाद ठगी का एहसास होने पर उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। इस अनोखे ठगी के मामले को देखते हुए एसीपी साइबर पुलिस राजबीर मालिक की देखरेख में इंस्पेक्टर जगदीश कुमार के नेतृत्व में एसआई कमलेश कुमार, एएसआई एस. पी. कौशिक, हेड कॉन्स्टेबल ओमवीर सिंह और कॉन्स्टेबल अश्विनी की टीम का गठन किया गया।
जाँच में जुटी पुलिस ने आरोपी के बैंक एकाउंट की डिटेल ले कर उसके स्टेटमेंट की जाँच की। जिसमे उन्हें रेजर पे गेटवे द्वारा पेमेंट करने का पता चला। साथ ही उन पैसों को पीओएस फैसिलिटी द्वारा कर्मपुरा के पठेजा कम्युनिकेशन पर ट्रांजेक्शन किये जाने की जानकारी मिली। जिसके बाद पुलिस ने पीओएस डिवाइस के ओनर से पूछताछ की। जिसमे उसने बताया कि उसकी दुकान पर आए एक सख्श ने डिजिटल कैश के बदले उससे हार्ड कैश लिया था। जिसके बाद पुलिस ने उससे मिली जानकारी, टेक्निकल सर्विलांस और लोकल वेरिफिकेशन के आधार पर एक युवती सहित 4 आरोपियों को दबोच लिया और उनके पास से 20 हजार कैश, लैपटॉप, मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किया।
पूछताछ में मास्टरमाईंड आदित्य ने बताया कि वो कई इंश्योरेंश कंपनियों में काम कर चुका है। लॉकडाउन के दौरान काम नहीं होने के बाद उसके दिमाग मे लोगों से ठगी का आईडिया आया। जिसके लिए उसने नीरज को साथ लिया। उसके बाद पीएनबी मेट लाइफ के एक एम्प्लोयी तरुण यादव से पॉलिसी होल्डर का डेटा प्राप्त किया। लोगों को झाँसे में लेने के लिए उसने टेलीकॉलर को रख कर उनसे पॉलिसी होल्डर को कॉलिंग कार्रवाई। इस मामले में पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जाँच में जुट गई है।