
द्वारका जिले की एएटीएस पुलिस ने नकली गड्डी गैंग का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाईंड सहित 02 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान, प्रवीण और शिवेंद्र के रुप मे हुई है। ये नांगलोई और बिंदापुर इलाके के रहने वाले हैं। इनके पास से वारदात में इस्तेमाल की गई बाइक और कागज की 01 नकली गड्डी बरामद की गई है। इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने द्वारका जिले के ठगी के 03 मामलों का खुलासा किया है।
डीसीपी एम. हर्षवर्धन के अनुसार, 14 अगस्त को बिंदापुर थाने की पुलिस को दी गयी शिकायत में महिला शिकायतकर्ता ने बताया कि दो अज्ञात युवकों ने उन्हें नकली गड्डी दिखाकर उनसे उनकी ज्यूलरी ठग लिया। महिला की शिकायत पर बिंदापुर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। एसीपी ऑपरेशन राम अवतार की देखरेख में एएटीएस के इंचार्ज इंस्पेक्टर कमलेश कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विकास यादव, एसआई दिनेश, एएसआई तोपेश, हेड कॉन्स्टेबल मनीष की टीम का गठन कर आरोपियों की पकड़ने के लिए लगाया गया।
जांच के दौरान पुलिस टीम ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फूटेजों की जाँच कर उनका विश्लेषण किया। गुप्त सूत्रों को सक्रियकर संदिग्धों के बारे में जानकारियों को विकसित करने में जुट गई। इसी क्रम में पुलिस को वारदात में शामिल रहे आरोपियों के बारे में सूचना मिली। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने टेक्निकल और मैन्युअल सर्विलांस की सहायता से ट्रैप लगाकर वारदात में इस्तेमाल की गयी बाइक सहित दो आरोपियों को दबोच लिया।
पूछताछ में दोनो ने वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकारी। उनके पास से एक नकली गड्डी भी बरामद की गई। आरोपियों ने बताया कि वो उनके तीसरे साथी नांगलोई के तरुण के साथ मिलकर कई ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। आगे की पूछताछ में आरोपी प्रवीण ने बताया कि ठगे गए आभूषणों को उसने सुल्तानपुरी के भानु नाम के शख्स को बेचा था।
जिसपर पुलिस ने सुल्तानपुरी स्थित भानु के घर पर छापेमारी की लेकिन वो पुलिस से बच निकलने में कामयाब रहा। इस मामले में पुलिस दोनो आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है, साथ ही इसके साथी और रिसीवर की तलाश में भी लग गयी है।