VIDISHA NEWS || श्रीहरि वृद्ध आश्रम से कुछ ऐसे हुई वृद्ध मां की विदाई!
ओमप्रकाश जोशी, विदिशा।
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित श्रीहरि वृद्धाश्रम में निवास करने वाली 85 वर्षीय श्रीमती काशीबाई दांगी का आज पूर्ण मान सम्मान के साथ, राजीव गांधी आयुर्वेद महाविद्यालय भोपाल मैं देहदान किया गया। जंहा महां विद्यालय के संचालक स्टाफ सहित देहदान के प्रणेता डॉ. राकेश भार्गव, वृद्ध आश्रम अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा शर्मा, संचालक वेद प्रकाश शर्मा सहित आश्रम स्टाफ ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
श्रीहरि वृद्ध आश्रम काशीबाई दांगी के लिए उस समय वरदान बन गया था, जब वह अपने परिवार के सभी रिश्तेदारों की उपेक्षा के कारण जानवरों की सार में सोती रही और अपने गांव हथिया खेड़ी में बर्तन मांज कर अपना जीवन व्यतीत करती रही।
श्रीमती काशीबाई मूलता निवासी हर्जा खेड़ी थाना गुलाबगंज की है, पति की मृत्यु के बाद वह अपने रिश्तेदारों के यहां भांजा दामाद के यहां चली आई परंतु परिवार के लोग उन्हें बोझ समझते थे परिजनों के अमानवीय व्यवहार के कारण वह गांव के सरपंच दशरथ सिंह के यहां रहने लगीं तथा उन्हीं की देहलान और पशुओं की सार में सोती थी।
वह दिन भर मेहनत मजदूरी करके घर-घर बर्तन मांज कर जीवन व्यतीत करती थी श्री हरी वृद्ध आश्रम में वह बड़ी अजीबोगरीब स्थिति में आई। कोई अज्ञात व्यक्ति उन्हें आश्रम के बाहर की सड़क पर अचेत अवस्था में छोड़ गया उनके मुख से ग्राम हथिया खेड़ी सुनने पर आश्रम संचालक द्वारा पुलिस अधीक्षक, सी.एस.पी. जिला थाना कोतवाली में इसकी सूचना दी गयी। पुलिस हस्तक्षेप के बाद उनके परिजन आश्रम आये और आश्रम प्रबन्धन को यह लिखकर दे गए । कि हमारा उनसे कोई करीबी नाता रिश्ता नहीं है यह कथन उन्होंने स्वयं लिख कर दिया।
इसके पश्चात से ही आश्रम प्रबंधन उनकी दिन रात सेवा सुश्रुता कर रहा था आश्रम में वह अपने सभी करीबी रिश्तेदारों को बहुत याद करती रही रोती रही तड़पती रही और उनसे मिलने के लिए उनकी आत्मा कराहती रही क्या इसी दिन के लिए मां अपनी संतानों को जन्म देती है वह रो रो कर कहती थी कोई मुझे ढुकने तक नहीं आता । मैं क्या करूं बड़ी अभागन हूं गहन दुख और मानसिक तनाव के कारण और बीमार होने के कारण बीमार होने के कारण उन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया वहां स्थिति अत्यंत गम्भीर होने के कारण शासकीय अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया वहां उनका सघन इलाज किया गया।
इसके पश्चात स्थिति बिगड़ने पर उन्होंने आश्रम में सेवा के लिए डिस्चार्ज कर दिया था, वृद्ध आश्रम प्रबंधन दिन रात उनकी सेवा में लगा रहा। श्रीमति काशी बाई दिन रात अपने रिशतेदारों को याद करती रहीं अपनों के लिए तड़पती रहीं पर उन्हें देखने कोई नहीं आए।
मृत्यु के पूर्व ही उन्होंने अपनी देहदान की इच्छा जाहिर की थी आज सुबह चार बजे कार्डियक अरेस्ट के कारण चिकित्सा के दौरान उनका निधन हो गया था।